कभी किसी को मुक्कमल जहाँ नहीं मिलता,
कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता,
तेरे जहाँ में एसा नहीं की प्यार ना हो,
मगर उमीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता,
जिसे भी देखिए वो अपने आप में गुम हें,
जुबां मिली हें मगर हमजुबां नहीं मिलता,
कभी किसी को मुक्कमल जहाँ नहीं मिलता,
कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता,
तेरे जहाँ में एसा नहीं की प्यार ना हो,
मगर उमीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता,
जिसे भी देखिए वो अपने आप में गुम हें,
जुबां मिली हें मगर हमजुबां नहीं मिलता,
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