चिंगारी इतनी भड़काओ की वह आग बन जाये,
जो एक एक बूँद मिले तो सैलाब बन जाए !
जुल्म की दीवार, अकेले मुश्किल है तोडनी
मुट्ठियाँ अगर मिल जाये तो फौलाद बन जाये !
अंधेरों की हुकूमत अब तोडनी ही पड़ेगी,
अब हर चिराग उठे, और आफताब बन जाये !
अकेला चला है वो, आओ दुआ दें, काफिला बना दें,
"आमिर" की कोशिश, सर उठा के इंक़लाब बन जाये !!
No response to “Lines on Satyamev Jayate!”
Post a Comment