Sunday, May 13, 2012

Lines on Satyamev Jayate!


चिंगारी इतनी भड़काओ की वह आग बन जाये,
जो एक एक बूँद मिले तो सैलाब बन जाए !

जुल्म की दीवार, अकेले मुश्किल है तोडनी
मुट्ठियाँ अगर मिल जाये तो फौलाद बन जाये !

अंधेरों की हुकूमत अब तोडनी ही पड़ेगी,
अब हर चिराग उठे, और आफताब बन जाये !

अकेला चला है वो, आओ दुआ दें, काफिला बना दें,
"आमिर" की कोशिश, सर उठा के इंक़लाब बन जाये !!

No response to “Lines on Satyamev Jayate!”