Wednesday, October 20, 2010

गुज़ारिश.....

बस इतनी सी तुम से गुज़ारिश है
ये जो बारिश है,
इसमें तेरी बाहों में मर जाऊं
ये छोटी सी एक ख्वाहिश है,

ये जो बारिश की बुँदे हैं,
ये जब इस दिल पे गिरतीं हैं,
एक दर्द का धुआं निकलता है
ये धुआं जब रूह से मिलता है
तब ये तेरे होने का फ़रियाद करता है
तेरे अभी तक होने का एहशास कराता हैं

बस इतनी सी तुम से गुज़ारिश है
ये जो बारिश है,
चंद लम्हों को साथ समेट के
इसमें तेरी बाहों में मर जाऊं
ये छोटी सी एक ख्वाहिश है,

तुम से ना कह सका,
खुद में ही रह गया,
मैं खुद का दुश्मन क्यूँ रहा,
अश्कों से भर गया,
मैं क्या ये कर गया,
साया भी तनहा कर गया
कोई तो हो ऐसा रास्ता
जिससे हो तेरा वास्ता

बस इतनी सी तुम से गुज़ारिश है
ये जो बारिश है,
इस राह में तुमसे मिलके
इसमें तेरी बाहों में मर जाऊं
ये छोटी सी एक ख्वाहिश है

बस इतनी सी तुमसे फ़रमाइश है
ये जो बारिश हैं .
इसमें मेरे संग गुनगुना ना
कल रेडिओ पे जो आया था वोही वाला गाना
गाते गाते तेरी बाहों में मर जाऊं
ये छोटी सी एक ख्वाहिश है

बस इतनी सी तुम से गुज़ारिश है
ये जो बारिश है,
हाँ ये जो बारिश हैं.......

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