Sunday, June 7, 2009

कभी तू सुन नहीं पायी कभी मैं कह नहीं पाया

बहुत बिखरा बहुत टुटा थपेडे सह नहीं पाया ,
हवाओं के इशारे पर मगर मैं बह नहीं पाया ...
अधूरा अनं सुना ही रह गया यूँ पयार का किस्सा ,
कभी तू सुन नहीं पायी कभी मैं कह नहीं पाया ...

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